जुलाई २8, 2013 ( 5 .1 4 PM ) भारत
बहुत दिनों के उपरांत ये ब्लॉग्गिंग (हिन्दी ) जारी रखने का क्रम शुरू हो चला है \ पूर्व पोस्ट्स में अपने बचपन के दोरान संगीत में इधर उधर से मिले टिप्स का जिक्र कर रहा था ,जो की अभी पूर्ण नहीं हुए हैं \ब्लॉग्गिंग के दोरान आई अडचनों का भी मेने जिक्र किया ही है कि टेक्निकल वजह से किस तरह रूकावटें आ रहीं थीं \पर अब लगता है कि स्टाइल में परिवर्तन को आत्मसात करने के उपरांत हिंदी कन्वर्शन टूल द्वारा सीधे टाइप करने से भी काम बन रहा है\ सो संभवतः अब इसे जारी रखने में दिक्कत नहीं आनी चाहिए \
सन 1960 के आसपास से शुरू हुआ मेरा ये संगीत सफर उम्र के 56 बरस पूर्ण होने के बावजूद अभी भी जारी है \तिस पर तुर्रा ये कि ना तो कोई साहिल दिखायी पड़ता है और न ही लगता है कि संगीत में कुछ सुरों के फासले तय कर पाया हूँ \ जहाँ से बचपन में सफर पर निकला था लगता है मानो की आज भी वहीँ खड़ा हुआ हूँ \यदि सच कहूं तो लगता है कि अब गायन के क्षेत्र में सुरों की पकड़ कमतर हो चली है\
और गायन की कला में ये बहुत ही जरूरी है कि ना केवल रोंज ही रियाज यानि प्रक्टिस चले बल्कि उसका स्तर दिन ब दिन उच्च स्तर को प्राप्त होता रहे \ये कला अन्य कलाओं से ज्यादा व लगातार महनत की मांग करता है \इधर पिछले दो सालों से मेरा रियाज़ गायन में कम हो गया है और गिटार बजाने में निरंतर बदा है जिससे गाते वक्त सुरों पर कण्ट्रोल पहले से गिर चुका है \
सन 1960 के आसपास से शुरू हुआ मेरा ये संगीत सफर उम्र के 56 बरस पूर्ण होने के बावजूद अभी भी जारी है \तिस पर तुर्रा ये कि ना तो कोई साहिल दिखायी पड़ता है और न ही लगता है कि संगीत में कुछ सुरों के फासले तय कर पाया हूँ \ जहाँ से बचपन में सफर पर निकला था लगता है मानो की आज भी वहीँ खड़ा हुआ हूँ \यदि सच कहूं तो लगता है कि अब गायन के क्षेत्र में सुरों की पकड़ कमतर हो चली है\
और गायन की कला में ये बहुत ही जरूरी है कि ना केवल रोंज ही रियाज यानि प्रक्टिस चले बल्कि उसका स्तर दिन ब दिन उच्च स्तर को प्राप्त होता रहे \ये कला अन्य कलाओं से ज्यादा व लगातार महनत की मांग करता है \इधर पिछले दो सालों से मेरा रियाज़ गायन में कम हो गया है और गिटार बजाने में निरंतर बदा है जिससे गाते वक्त सुरों पर कण्ट्रोल पहले से गिर चुका है \
वेसे बहुत जल्दी यु टियूब पर अपने चैनल पर मैं अपने स्वयं के गाये गाने अपलोड करने वाला हूँ जिसकी विडियो लिंक इस ब्लॉग पर भी बताऊंगा ताकि उसे सुनकर पाठक गण मेरी पिछले पैरा में लिखी बातों को स्वयं से तौल सकें\
तो तब तक के लिए आज्ञा देवें \
नमस्कार \